अयोध्या में बीजेपी की हालत ख़राब?

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अयोध्या योगी के हाथ से निकल सकता है. इसके कई कारण बताये जा रहे हैं. पहला कारण यह कहा जा रहा है कि सपा की मेयर प्रत्याशी गुलशन बिंदू पिछली बार फैजाबाद में नगर पालिका अध्यक्ष का निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी थीं. लेकिन महज 200 वोट से उन्हें बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार चुकीं सपा से टिकट पर मैदान में उतरी हैं इसलिए उनका पलड़ा भारी बताया जा रहा है.

अयोध्या सीट जीतना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा बन गया है इसलिए लिए ऐसा कहा जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या से ही नगर निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. बीजेपी राज में ही अयोध्या नगर निगम बना है और अयोध्या को लेकर तमाम सरकारी योजनाएं गवाह हैं कि यहां बीजेपी की जीत पार्टी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है.

वैसे चुनाव में राजू दास द्वारा बीजेपी से बगावत की घोषणा होने के बाद पार्टी को तगड़ा झटका माना जा रहा था. लेकिन नामांकन की तारीख बीत जाने के बाद भी राजू दास नहीं दिखे. इससे मामला पलट गया. अब बीजेपी को राहत मिली है, वहीं शिवसेना ने बीजेपी पर राजू दास के अपहरण का आरोप लगाया है.

उधर नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी मेयर प्रत्याशी ऋषिकेश उपाध्याय ने अपना पर्चा दाखिल किया. इस दौरान प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा नामांकन जुलूस में कार्यकर्ताओं का हुजूम देखकर गदगद दिखे. उन्होंने कहा कि लोकसभा व विधानसभा जैसा सुनामी अयोध्या की सड़कों पर दिखाई पड़ा इससे यह साबित होता है कि अयोध्या नगर निगम चुनाव में प्रचंड बहुमत आएगा. दिनेश शर्मा ने कहा कि हमने अयोध्या नगर निगम चुनाव को गंभीरता से लिया है.


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