मायावती के इस्तीफे की चाल पड़ी उलटी, दो बड़े नेताओं ने छोड़ी पार्टी…

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मायवती के इस्तीफे की चाल उलटी पड़ती नजर आ रही है. ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि दलितों ने इस्तीफे को महज दिखावा बताया हैं. शब्बीरपुर के दलित समाज के लोगों ने कहा है कि उन्हें केवल वोट बैंक के रूप में देखा जाता है. जागरण के रिपोर्ट के अनुसार शब्बीरपुर जातीय हिंसा को ढाल बनाकर मंगलवार को राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती द्वारा दिए गए इस्तीफे पर शब्बीरपुर के दलितों दल सिंह, मीर सिंह संत कुमार, तारावती आदि का कहना है कि दलितों की लड़ाई तो कोई लड़ता ही नहीं. सभी नेता हमारा वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करते हैं। मायावती का इस्तीफा भी महज दिखावा है.

इसके अलावा बसपा के दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ने की भी घोषणा कर दी. पूर्व सांसद अमीर आलम और उनके बेटे पूर्व विधायक नवाजिश आलम ने बसपा छोडऩे की घोषणा की है. उनका कहना है कि फिलहाल किसी पार्टी का दामन नहीं थाम रहे. बकौल आलम कुछ दिन राजनीति से दूर रहकर जीना चाहते हैं. रालोद के टिकट पर अमीर आलम लोकसभा सदस्य और सपा में राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. सपा सरकार में परिवहन राज्यमंत्री भी रहे अमीर आलम के बेटे नवाजिश आलम सपा से बुढ़ाना से विधायक चुने गए थे. हाल ही के विधानसभा चुनाव में दोनों ने सपा छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया थ. नवाजिश को गत विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर हार का मुंह देखना पड़ा.

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