बुलंदशहर गैंगरेप मामले में आईजी सुजीत पांडे के इन खुलासों ने लोगों को किया चौंकने पर मजबूर


बुलंदशहर गैंगरेप मामले में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में आईजी सुजीत पांडेय ने कई अहम खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया है कि इस गैंगरेप का मुख्य आरोपी सलीम बाबरिया जो कि इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है. सोमवार को रात 9.55 बजे आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी. उसके पास से जींस, टीशर्ट, 3400 रुपये, दो टॉर्च, मोबाइल फोन, बंदूक, पैसे और आभूषण बरामद किया गया है. आईजी ने यह भी बताया कि सलीम के पास से पुलिस को काफी सबूत मिले हैं.


आईजी सुजीत पांडेय के जानकारी के मुताबिक सलीम, सुद्दीन नाम के आदमी के साथ 8 अगस्त को बिजनौर जाने की फिराक मे था. तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आई जी ने यह भी बताया कि बुलंदशहर की घटना को अंजाम देने के लिए उसने किठौर में ही प्लान बनाया था. हापुड़ तिराहे से ही आरोपी वारदात को अंजाम देने चले थे. ये 5 लोग थे. ये सभी मेरठ चौराहे तक पैदल आए और शराब के नशे में उन्होंने एनएच पर संगीन कांड किया.

आईजी सुजीत पांडे ने यह भी कहा कि पकड़े गए आरोपियों में से पीड़ितों ने 3 आरोपियों की पहचान की है. पकड़े गये तीनो आरोपी कन्नौज के रहने वाले हैं. इन आरोपियों से बुलंदशहर घटना को अंजाम देने से पहले हापुड़ से किराए पर एक बस लिया था. ताकि घटना को अंजाम देने के बाद वहां से आसानी से भाग सकें. आई जी का यह भी कहना है कि इस घटना में शामिल फाति नाम का एक आरोपी अभी भी फरार है. जबकि दो आरोपी झारखंड भाग गए है. इन्हें भी पुलिस बहुत ही जल्द अपने गिरफ्त में लेने वाली है.

हालांकि इस खुलासे के दौरान आईजी सुजीत पांडेय ने पीड़ित परिवार का नाम ले लिया जिससे विवाद खड़े हो गए हैं. जानकारों की माने तो इस तरह के मामले में पीड़ित परिवार या पीड़िता का नाम नहीं बताया जाता है यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश हैं. यह भी कहा जा रहा है कि नाम लेने के बाद पीड़ित को कैमरे पर भी दिखाया गया, जोकि बिल्कुल गलत है. आईजी द्वारा दिए इस बयान पर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में परिवार का नाम ले सकते हैं, पीड़ित का नहीं.






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