असम और केरला में मिली हार के बाद राहुल करेंगे यह काम
— May 19, 2016
एक तो पहले से ही कांग्रेस का सफाया केंद्र की सत्ता से हो चूका है. उसके बाद फिर मिली केरल और असम की करारी हार के बाद कांग्रेस की बोली अब लड़खड़ाने लगी है. ऐसा लगा रहा है कि इस हार ने तो जैसे कांग्रेस के जले पर नमक ही छिड़क दिया है. बताया जा रहा है कि इन राज्यों से भी अपनी जमीन को खोता देख पार्टी के शहजादे यानी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने गुरुवार को यह कहा है कि जनता का भड़ोसा जितने में हमारी पार्टी पीछे रह गई है. इसलिए राहुल को यह लगता है की कांग्रेस को जनता का विश्वास जितने के लिए और ज्यादा मेहनत करनी होगी.
आपको बता दें राहुल गांधी ने असम और केरल में सत्ता से बेदखल होने के बाद ट्वीट कर कहा है कि ‘‘हम तब तक मेहनत करते रहेंगे जब तक लोगों के विश्वास को जीतने में कामयाब नहीं हो जाते.’’ जबकि बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कांग्रेस की हार पर हमारे संवाददाता से कहा कि ‘‘राहुल गांधी गांधी को ‘पर्सन ऑफ द मैच’ का खिताब दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कांग्रेस वैसा ही प्रदर्शन करे, जैसा कि वह पिछले कुछ सालों से करती आ रही है.’’
गौरतलब हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का समाना करना पड़ा था. जबकि काफी दिनों से केंद्र की सत्ता से बाहर बैठी भारतीय जनता पार्टी को देश की जनता ने भाड़ी जनादेश के साथ केंद्र की सत्ता पर बैठाया था. उसके बाद से कांग्रेस राज्य स्तर पर अपनी खोई जमीन तलाश करने की कोशिश में लगी है. लेकिन एक बिहार को छोड़ के कांग्रेस न तो असम में और न ही केरल में वापसी कर पाई है. इसके अलावा अगले वर्ष यूपी में भी विधानसभा चुनाव होने वाले है. जहाँ अभी से ही कांग्रेस के बड़े नेताओं द्वारा पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का विरोध हो रहा है. साथ ही उनके सलाहों की भी अनदेखी की जा रही है. जबकि प्रशांत के सलाहों के बदौलत ही केंद्र में बीजेपी और बिहार में जनतादल यूनाइटेड के साथ राजद और कांग्रेस के महांगठबंधन की सरकार बनी थी.
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