दिल्ली गवर्नमेंट द्वारा स्थापित एक कंपनी ने योगी सरकार को दिया तगड़ा झटका…

यूपी सरकार के एक डिपार्टमेंट को दिल्ली गवर्नमेंट द्वारा स्थापित किए जाने का दावा करने वाली एक कंपनी द्वारा लाखों का चुना लगाने का मामला सामने आया है. आपको बता दें की कंपनी को यूपी सरकार के ए‍क सीनियर अफसर को विदेश में स्टडी टूर का अरेजमेंट करना था जो की स‍िंगापुर और थाईलैंड के ल‍िए था. दिल्ली पुलिस के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने एक अंग्रेजी अखबार से हुई बातचीत में बताया की मामले की जांच की जा रही है और ए‍क-दो दिनों में आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा.

मिली ख़बर के अनुसार पुलिस को शक है कि इस स्कैम को एक कपल की अगुवाई वाले गैंग के द्वारा अंजाम दिया गया है. मामले में 10 जुलाई को पहली शिकायत की गई और जांच के बाद 22 जुलाई को केस दर्ज किया गया. बता दें की ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली और यूपी के कुछ दूसरे सरकारी विभागों को भी चूना लगा है.

इस मामले पर एक सीनियर पुलिस अफसर ने जानकारी देते हुए बताया की, ”शुरुआती जांच में आपराधिक आरोप की शिकायत सामने आने के बाद केस दर्ज किया गया. हम मामले की जांच कर रहे हैं.”

अपनी शिकायत में यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटिरी कमीशन के सेक्रेटरी संजय श्रीवास्तव ने बताया की, ”NCTSR नाम की कंपनी ने यूपी इलेक्ट्र‍िसिटी बोर्ड के चेयरमैन देश दीपक वर्मा से पिछले साल 24 दिसंबर को सिंगापुर और थाईलैंड में पावर और इन्फ्रास्ट्रक्चर से रिलेटेड स्टडी टूर के लिए संपर्क किया था. ये ट्रिप इस साल 3 से 9 मार्च के बीच होनी थी.”

– ”पावर डिपार्टमेंट को सरकार से टूर के लिए अप्रूवल मिला और चेयरमैन इनरोलमेंट के लिए कुल 4.43 लाख रुपए NCTSR को दिए गए. दीपक वर्मा ने पसर्नली 1.73 लाख रुपए दिए, ताकि वे अपनी पत्नी और बेटी को साथ ले जा सकें.”

यहाँ बता दें की शिकायत के मुताबिक वीजा के मुद्दे के चलते ट्र‍िप हो ही नहीं सकी. इसके बाद जब पावर डिपार्टमेंट ने बुकिंग कैंसिल करके रिफंड मांग तो कंपनी लगातार बहाने करने लगी. जब कंपनी पर दबाव बनाया गया तब कंपनी ने मई में चेक के जरिए पैसे रिफंड करने का वादा किया, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ.

दर्ज़ करवाई गई एफआईआर से मिली जानकारी के मुताबिक, NCTSR ने हर लेटर में दिल्ली का पता दिया. यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटिरी कमीशन के सेक्रेटरी संजय श्रीवास्तव ने बताया, ”27 मार्च के लेटर में मयूर विहार 3 का पता था. वहीं 17 अप्रैल के लेटर में गाजियाबाद का एड्रेस था दिसंबर में मिले पहले लेटर में ईस्ट दिल्ली की झिलमिल कॉलोनी के त्रिवेणी अपार्टमेंट का पता था.” वहीं दूसरी तरफ़ NCTSR की वेबसाइट पर कंपनी का दावा है कि इसे ”गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली, डिपार्टमेंट ऑ‍फ लेबर, नई दिल्ली” ने स्थापित किया है.

दिल्ली सरकार के एक अफसर ने मंगलवार को इस मामले पर और अधिक जानकारी देते हुए बताया की, ”दिल्ली सरकार का इस ऑर्गनाइजेशन से कोई लेना-देना नहीं है. यही नहीं, ये हमारी जानकारी में मंगलवार को ही आया कि कंपनी की वेबसाइट पर सरकार के नाम का जिक्र है. हम देखेंगे कि कैसे मैटर को डील करना है.”

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