अब नेताओं के पैर छूने वालों की खैर नही, डीआईजी ने जारी किया फरमान


इलाहाबाद.अरविंद कुमार: खाकी की इज्जत बचाने के लिए डीआईजी ने एक फरमान जारी किया है. फरमान जरी करते हुए नेताओं के पैर छूने वाले पुलिस वालों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

खाकी पहनकर किसी का पैर छूना खाकी का अपमान माना जाता है. इसके बावजूद कई वर्दीधारी नेताओं के पैर छूते दिखई देते हैं. ऐसे पुलिस वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के लिए डीआईजी जितेन्द्र कुमार शाही ने रेंज के सभी कप्तानों को लिखित निर्देश दिया है.

डीआईजी के निर्देश पर एसएसपी के एस इमैनुअल ने इलाहाबाद पुलिस अवगत करा दिया है. एडिशनल एसपी से लेकर सीओ तक सबको बताया गया है कि वे अपने सर्किल की पुलिस को अवगत करा दें कि अगर किसी सिपाही की पैर छूने की शिकायत मिली तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.

यूं ही नहीं छूते हैं पैर

सिपाही या दरोगा यूं ही नेताओं के पैर नहीं छूते हैं. दरअसल नेताओं की खातिरदारी करने पर पुलिस वालों की मनचाही पोस्टिंग मिल जाती है. शहर में ऐसे तमाम दरोगा और सिपाही हैं जो नेताओं के चहेते हैं. सत्ता पक्ष के करीबी होने का फायदा यह है कि वह वर्षों से ही एक जगह पर तैनात हैं.

अगर किसी दरोगा या सिपाही को ट्रांसफर चाहिए तो वह आईजी, डीआईजी और एसएसपी से मिलने के लिए चक्कर लगाता है लेकिन उसके बाद भी उसका काम नहीं होता है. वहीं एक किसी बड़े नेता से उसकी सेटिंग हो जाती है तो एक फोन पर ही उसका काम हो जाता है. कई दरोगाओं को थानेदारी भी नेताओं के कारण मिली है.

विधायक के चक्कर में हुआ था सस्पेंड
पूर्व मंत्री नंदी पर हमले के आरोप में जेल में बंद रहे विधायक विजय मिश्रा जब जमानत पर जेल से रिहा हुए तो उनके समर्थकों का नैनी जेल के बाहर जमावड़ा लगा था. उसी वक्त एक सिपाही नेता जी का पैर छूने और रुपये लेने के लिए परेशान दिखा.

आखिरकार वह भागता हुआ उनकी कार तक पहुंच गया. नेता जी को बाहर से प्रणाम किया और बदले में उसे 500-500 रुपये के नोट मिले. उस वक्त मोबाइल में यह दृश्य किसी ने कैद कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद सिपाही सस्पेंड कर दिया गया था.

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